Saturday, 31 July 2021

देवकीनन्दन खत्री

 देवकीनन्दन खत्री जी की पुण्यतिथि:-

जन्म:- (18 जून 1861)

मृत्यु:- (1 अगस्त 1913)

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हिन्दी के प्रथम

तिलस्मी लेखक वा कहानीकार 

देवकीनन्दन खत्री 

जिनकी है आज पुण्यतिथि 

नमन है उनको इस प्रज्ञा' का

जिसने लिखी थी चंद्रकांता'

चंद्रकांता' था एक ऐसा उपन्यास 

जिसको पढ़ने की खातिर

पाठकों ने सीखी थी हिंदी 

हिन्दी का यह तिलस्मी लेखक

1 अगस्त 1913 में इस दुनिया से चला गया,

बुझा हुआ वह स्वर्णिम दीपक हिंदी जगत को दीप्तिमान कर गया।।


Lovely quote

 बस थोड़ी ही दूर थे तुम

हाय कितने नजदीक थे तुम

हम तो मर ही गए थे तुम्हारी अदाओं पर

मुस्करा कर जब देख लेते थे तुम।।


यूँ मेरे गालों पर ढलक रही है

ये शाम कुछ ऐसे कट रही है ।

मोहम्मद रफी पर कविता

 मोहम्मद रफी पुण्यतिथि स्पेशल:-

(31 जुलाई 1980)


मोहब्बत को जो गजलों में हमेशा बांध देता था

मुनासिब था नहीं वो  दिल को 

ऐसा साज देता था 

सबकी रूह तक जाती थी

उसकी आवाज़ थी ऐसी

गरीबों के भी घर में उसका

नगमा खूब बजता था।।


✍️✍️✍️

By pragya shukla 

उधम सिंह पर कविता

 आज ऐसे वीर बहादुर की

जयंती है, 

जो जलियांवाला बाग नरसंहार

का दोषी था,

उसको घर में घुस कर मारा और 

अपनी प्रतिज्ञा पूर्ण की।

ऐसे महान क्रांतिकारी का नाम है उधम सिंह,

जो अनाथालय में रहा परंतु 

देश के लिए प्रेम पलता रहा।

जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड का 

प्रत्यक्षदर्शी था।

पिस्टल के आकार की काटी  पुस्तक में रख ली बंदूक,

पहुंच गया वह लंदन में 

जहां डायर था पहले से मौजूद।

सीना छलनी कर दिया उसका 

जब डायर भाषण देने आया था,

उधम सिंह था नाम उसका वह भारत मां का जाया था।।



मुंशी प्रेमचंद्र पर कविता

 प्रेमचंद्र का जन्मदिवस:-

(31 जुलाई 1880)

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हिन्दी कहानी के पितामह

उपन्यासों के सम्राट

नाम है जिनका धनपत राय

वह थे विश्व विख्यात

जिसने दिया सजल नैनों का सागर

अपने लेखों से भर दी गागर में सागर

जीवन पर्यंत दिया हिंदी को

नाम और सम्मान

कालजई रचना थी उनकी स्वर्णाक्षर 'गोदान

जय हो, जय हो, प्रेमचंद्र की

यूं ही उनका सम्मान रहे

प्रज्ञा' भी कुछ सीखे उनसे

जिससे हिंदी में योगदान रहे।।


Wednesday, 28 July 2021

विश्व हैपेटाइटिस दिवस

 World Hepatitis Day quotes:- 


हमें अपने बच्चों को हेपेटाइटिस का टीका लगवाना है,

इस प्राणघातिनी महामारी से उनको बचाना है।

World Hepatitis Day quotes

 


World Hepatitis Day quotes:-


हैपेटाइटिस के बारे में है सबको बताना,

इस मूक महामारी से है हमें खुद को बचाना।।

नमन तुम्हें है वीर सपूतों

 "कारगिल विजय दिवस"

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नमन तुम्हें है वीर सपूतों

जीता तुमने सबका प्रेम है 

तेरे ही गौरव की गाथा

गाता पूरा देश है 

कारगिल के विजय दिवस को

हम कैसे भूल सकते हैं 

जिन वीरों ने विजय दिलाई

उनकी स्मृति को कैसे

विस्मृत कर सकते हैं !

लुटा दी जाती जान जहां है 

प्राण से बढ़ कर देश है 

ऐसा सुन्दर, सबल, सलोना

प्यारा भारत देश है।


कटार

इल्ज़ामो की तलवार 

चली है हम पर 

बेबुनियाद मुकदमे 

चले हैं हम पर 

कोशिश बहुत की पर 

ना बचा पाये खुद को 

यार ने ही जब कटार 

चलाई है हम पर।।

Saturday, 24 July 2021

मोहब्बत बरसा देना तू

 "सावन में सावन पर प्रथम कविता"

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सावन आया है।।

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प्रीत की रीत निभाना तू कि 

सावन आया है 

मिले थे जिस दिन हम तुम वो

मौसम आया है।


बाहों में भर के तुझे प्यार जताना है, 

नैनों की बारिश से भीग जाना है 

कितनी बार ये खयाल !

हमको यार आया है।


आते-जाते तेरे नैन मुझसे

कुछ कहते हैं 

नींदों मेरे लब तेरे लब को

छूते हैं।

आजा साजन ! मिलते हैं और 

कर लें पूरे ख्वाब हम

यूँ ही ना रह जायें दूर-दूर 

आ जा सजन !

कैसे बताऊँ इन जुदाई के लम्हों को मैंने किस तरह रो बिताया है,

कल किसी और का होगा तू

सावन आया है 

आ मिल कर साथ गुजारे पल

मौसम आया है।

बाहों में भर के तुझे प्यार जताना है, 

नैनों की बारिश से भीग जाना है 

कितनी बार ये खयाल !

हमको यार आया है।।


सावन आया है।।

 "सावन में सावन पर प्रथम कविता"

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सावन आया है।।

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प्रीत की रीत निभाना तू कि 

सावन आया है 

मिले थे जिस दिन हम तुम वो

मौसम आया है।


बाहों में भर के तुझे प्यार जताना है, 

नैनों की बारिश से भीग जाना है 

कितनी बार ये खयाल !

हमको यार आया है।


आते-जाते तेरे नैन मुझसे

कुछ कहते हैं 

नींदों मेरे लब तेरे लब को

छूते हैं।

आजा साजन ! मिलते हैं और 

कर लें पूरे ख्वाब हम

यूँ ही ना रह जायें दूर-दूर 

आ जा सजन !

कैसे बताऊँ इन जुदाई के लम्हों को मैंने किस तरह रो बिताया है,

कल किसी और का होगा तू

सावन आया है 

आ मिल कर साथ गुजारे पल

सावन आया है।

बाहों में भर के तुझे प्यार जताना है, 

नैनों की बारिश से भीग जाना है 

कितनी बार ये खयाल !

हमको यार आया है।।


प्रेम पर कविता

मेरे जीवन का आधार तुम हो 

मेरी जीत मेरी हार तुम हो 

सिखाया है तुमने मुझे 

मोहब्बत का व्याकरण 

मेरे गुरू हो तुम, मेरे आराध्य तुम हो।।

Friday, 23 July 2021

गुरू पूर्णिमा पर कविता

 


"गुरू पूर्णिमा स्पेशल"

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माँ होती है प्रथम गुरू

जो प्रेम का पाठ पढ़ाती है 

अंतहीन विनम्रता के साथ 

जीवन जीना सिखलाती है 

धरती, अम्बर, प्रकृति सिखाये 

हर दिन नवल प्रभात सिखाये 

ज्ञान पुंज के पट को खोले

देखो गुरुवर हमें बुलाये 

गुरू पूर्णिमा पर यह प्रज्ञा'

हर गुरुवर को शीश नवाए।

Thursday, 22 July 2021

तो कुछ बात बने

कुछ गज़लों की बात हो

तो कुछ बात बने,

कुछ सपनों की बारात हो 

तो कुछ बात बने।

दिन में खिले चांद और 

रात में उगे सूरज,

दोपहर गुदगुदाए तो 

कुछ बात बने।

हवा के हवाले हों मेरी फिक्रें,

हो मोहब्बत की बरसात 

तो कुछ बात बने।


Wednesday, 21 July 2021






 

कहना तो बहुत कुछ है तुझसे!!


कहना तो बहुत कुछ है तुझसे 

लेकिन कह कहाँ पाती हूँ।


दिल की बेबसी यह है कि 

बिन कहे रह भी कहाँ पाती हूँ।


यूँ तो हमें अकेले रहने की 

बुरी आदत है साहब!

पर तेरे बिन अधूरी रह कहाँ पाती हूँ।


तू अगर आस- पास होता तो 

समझ जाता हाल-ऐ-दिल मेरा


यूँ तो बहुत बोलती हूँ मैं पर 

इजहारे इश्क कहाँ कर पाती हूँ।


कहना तो बहुत कुछ है तुझसे,

मगर कह कहाँ पाती हूँ ! !

Monday, 19 July 2021

सहनशक्ति

जलील तो तूने बार बार किया

पर मैं हर बार माफ करता रहा 

शायद ये तेरी नासमझी होगी !

बस यही सोंचता रहा !!

पर तूने तो बेशर्मी की सारी हद 

पार कर दी,

मेरी इज्जत सरे आम निलाम कर दी

अब तक चुप था क्योंकि 

तू अकेले में वार करता था 

मेरा बेटा है तू इस लिये सबकुछ सहता था 

पर आज सहनशक्ति ने भी जवाब दे दिया 

आज तूने अपने बाप को जिन्दा ही मार दिया।।

बूंदें

 टिप-टिप करती हुई बूंदे मन को बहुत भा रही हैं

 बूंदों की बौछार के साथ तेरा पैगाम ला रही हैं 

 बिजलियों की गड़गड़ाहट सता रही है हमको, 

 पर तेज हवा के झोंके तेरे आने के पैगाम ला रही हैं।

रिश्वत खोर

 रिश्वत 

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रिश्वत लेकर ही काम

करते हैं कुछ लोग

और धर्मात्मा बनते हैं 

कुछ लोग 

यूँ उछल उछल कर 

अपने परोपकारों का गाना गाते हैं 

करते धरातल पर कुछ नहीं 

परंतु डींगे बड़ी बड़ी हांकते हैं 

ऐसे ही लोग अपने माँ-बाप के मरणोपरांत 

उनके कफ़न को भी बेंच कर 

खा जाते हैं।।


सीख लो मुस्कुराना

यादों का तो काम है 

चले आना

हमारा काम है उन

जलते दीपकों को बुझाना 

बुझा दो उन तमाम यादों के 

टिमटिमाते चिरागों को

जला लो दिल में नए खयालों को 

भूल जाओ और छुपा लो

उन जख्मों को,

जो दर्द दें, रुला दें, मिटा दें तुम्हें 

सीख लो तुम किसी की 

खातिर मुस्कुराना

दिल के जख्मों को हर एक से छुपाना।।

बुरा वक्त था

 अब कब तक तुम उसे

यूँ ही याद करोगी

अपने बेचैन दिल को और

बर्बाद करोगी

जिंदगी जीने का नाम है 

उसे यूँ ना गंवाओ 

जो चला गया है उसे

अब तुम भूल जाओ

बुरा वक्त था, रब रूठा था,

तुम्हारा और उसका बस

साथ इतना ही था।।

Friday, 16 July 2021

माँग में सिंदूर

 उदास रातों को जगा कर और 

थोड़ा चांद निचोड़ कर 

दिन में उजाला भर दिया 

पंछियों की आवाज सुनाई दी है 

किसी ने सुबह का 

आगाज़ कर दिया,

यूंँ तो रोज सुनाई देती है शहनाई

उसने मोहब्बत का इजहार करके

मेरी माँग में सिंदूर भर दिया।

Thursday, 15 July 2021

रोटी

 


"रोटी"

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तप्त अंगारों से नहा कर 

आई हूँ मैं 

ठंडक की आस मिटा कर 

आई हूँ मैं 

बुझा लो अपनी जठराग्नि को

तुम्हारी ही छुधा को शांत करने 

आई हूँ मैं 

मेरे ही कारण बेटे परदेश 

में रहते हैं 

मेरे लिये ही तो दो चूल्हे होते हैं 

मेरे कारण ही रिश्तों में 

दूरियां आती हैं 

मेरे पीछे ही पति पत्नी के रिश्ते में 

खटास आती है 

मेरे ही आगमन पर शरीर में जान आती है 

मैं ही तो हूँ जिसके कारण 

थाली में जान आती है ।।

Friday, 9 July 2021

जलते हुए चिराग

आज सुकून की तलाश करने को जी नहीं करता 

तुमसे बात करने को भी जी नहीं करता 

जलते हुए चिरागों में रह लिये बहुत, 

चिराग दिल के जलाने को जी नहीं करता।।

Thursday, 1 July 2021

जाने क्या बात है

 जुलाई की शुरुआत है 

कहाँ खोई सावन की बरसात है ?

तन पर लिपटे कपड़े 

सर्प के समान लगते हैं 

झोपड़पट्टी वालों का तो

और भी बुरा हाल है।

रूखे रूखे पत्ते हैं 

डालियाँ मुरझाई हुई

पुष्प हैं डरे हुए से

जाने क्या बात है ! !



लखीमपुर कविता

 जिसने कुचला गाड़ी से वह गोदी में बैठा है  सीतापुर की जेल में बंद  एक कांग्रेसी नेता है  ये वर्तमान सरकार मुझे अंग्रेजों की याद दिलाती है जो ...