बस थोड़ी ही दूर थे तुम
हाय कितने नजदीक थे तुम
हम तो मर ही गए थे तुम्हारी अदाओं पर
मुस्करा कर जब देख लेते थे तुम।।
यूँ मेरे गालों पर ढलक रही है
ये शाम कुछ ऐसे कट रही है ।
जिसने कुचला गाड़ी से वह गोदी में बैठा है सीतापुर की जेल में बंद एक कांग्रेसी नेता है ये वर्तमान सरकार मुझे अंग्रेजों की याद दिलाती है जो ...
No comments:
Post a Comment