वह थी बिजली की कौंध सी
वह थी निश्चल प्रेम सी
वह थी सावन की फुहार
लड़कियाँ जैसे पहला प्यार
लड़कियाँ जैसे पहला प्यार।
गीत गाता हो जैसे सावन
मन हो जाता पुलकित पावन
आये आंगन में बहार
लड़कियां जैसे पहला प्यार लड़कियां जैसे पहला प्यार।
वह थी बिजली की कौंध सी
वह थी निश्चल प्रेम सी
वह थी सावन की फुहार
लड़कियाँ जैसे पहला प्यार
लड़कियाँ जैसे पहला प्यार।
गीत गाता हो जैसे सावन
मन हो जाता पुलकित पावन
आये आंगन में बहार
लड़कियां जैसे पहला प्यार लड़कियां जैसे पहला प्यार।
अर्थ होते हैं त्वरित परिमाण होते हैं
गीत होते हैं
स्वयं के साज होते हैं
है धरा मुर्छित हुई जब
जब म्यान में तलवार है
दूर कितना है सवेरा
चहुँ ओर अन्धकार है
है विदुर बैठा हुआ
धृतराष्ट्र भी गूँगा हुआ
आज अर्जुन के कर्तस में
ना बचा कोई बाण है।
मांग की सिंदूर रेखा, तुमसे ये पूछेगी कल,
जवानी में कई ग़ज़लें अधूरी छूट जाती हैं
कई ख़्वाहिश तो दिल ही दिल में, पूरी छूट जाती हैं
जुदाई में तो मैं उससे मुकम्मल बात करता हूँ मुलाकातों में सब बातें, अधूरी छूट जाती हैं
पुरानी दोस्ती को इस नयी ताक़त से मत तौलो
ये सम्बंधो की तुरपाई, संयंत्रो से मत खोलो
मेरे लहजे के छेनी से गढ़े जो देवता कल
मेरे लफ़्ज़ों में मरते थे वो, अब कहते है मत बोलो
जो मैं या तुम समझ ले वो इशारा कर लिया मैंने
भरोसा बस तुम्हारा था, तुम्हारा कर लिया मैंने
लहर है, हौसला है, रब है, हिम्मत है, दुआएं है
किनारा करने वालो से, किनारा कर लिया मैंने
तालिबान ने यह
कैसी हालत कर दी
अफगानिस्तान की
बैठे बैठे मृत्यु आ गई
कीमत कम हो गई अब तो जान की।
फिल्मों जैसा हाल हो गया
अफगानी नागरिकों का,
प्लेन से मानव ऐसे गिरते हैं
जैसे पत्ता हो सूखा सा
हाय रे! दुनिया तेरी चुप्पी
लानत लानत लानत है
याद रख की तेरे देश की भी
हो रही कुछ ऐसी ही हालत है।।
जवानी में कई ग़ज़लें अधूरी छूट जाती हैं
कई ख़्वाहिश तो दिल ही दिल में, पूरी छूट जाती हैं
जुदाई में तो मैं उससे मुकम्मल बात करता हूँ मुलाकातों में सब बातें, अधूरी छूट जाती हैं
पुरानी दोस्ती को इस नयी ताक़त से मत तौलो
ये सम्बंधो की तुरपाई, संयंत्रो से मत खोलो
मेरे लहजे के छेनी से गढ़े जो देवता कल
मेरे लफ़्ज़ों में मरते थे वो, अब कहते है मत बोलो
जो मैं या तुम समझ ले वो इशारा कर लिया मैंने
भरोसा बस तुम्हारा था, तुम्हारा कर लिया मैंने
लहर है, हौसला है, रब है, हिम्मत है, दुआएं है
किनारा करने वालो से, किनारा कर लिया मैंने
दौलत ना अता करना मौला, शोहरत ना अता करना मौला
बस इतना अता करना चाहे जन्नत ना अता करना मौलादिन संवर जाएंगे तुम मिलो तो सही
जख्म भर जायेगे तुम मिलो तो सही
रास्ते में खड़े हैं दो अधूरे स्थान
एक घर जाएंगे तुम मिलो तो सही
वक्त के क्रूर छल का भरोसा नहीं
आज जी लो की कल का भरोसा नहीं
दे रहे हैं वो अगले जन्म की खबर
जिनको अगले ही पल का भरोसा नहीं
दूर तू है मगर मैं तेरे पास हूं
दिल है गर तू तो दिल का मैं एहसास हूं
प्रार्थना या इबादत या पूजा कोई
भावना है अगर तू मैं विश्वास हूं
इस अधूरी जवानी का क्या फायदा
बिन कथानक कहानी का क्या फायदा
जिसमे धुल कर नजर भी ना पावन बने
आंख में ऐसे पानी का क्या फायदा
मेरे दिल में जले हर दिए की कसम
आज तक जो किया उस किए की कसम
मैं जहां आस ले रोज बैठा रहा
लौट आओ उसी आसिये की कसम
ताल को ताल की झंकृति तो मिले
रूप को भाव की अनुकृति तो मिले
मैं भी सपनों में आने लगूं आपके
पर मुझे आपकी स्वीकृति तो मिले।।
जिसने कुचला गाड़ी से वह गोदी में बैठा है सीतापुर की जेल में बंद एक कांग्रेसी नेता है ये वर्तमान सरकार मुझे अंग्रेजों की याद दिलाती है जो ...