Tuesday 17 August 2021
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लखीमपुर कविता
जिसने कुचला गाड़ी से वह गोदी में बैठा है सीतापुर की जेल में बंद एक कांग्रेसी नेता है ये वर्तमान सरकार मुझे अंग्रेजों की याद दिलाती है जो ...
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कुमार विश्वास की कविताएं हर एक कपड़े का टुकड़ा मां का आंचल हो नहीं सकता
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अपने गुनाहों को मैं हमेशा छुपा लेती हूँ शर्म आती है तो नजरों को झुका लेती हूँ दीवार पर दिखते हैं कारनामे जब अपने आवेश में आकर मैं दीपक...
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उर्दू मेरी जबान नहीं उसकी मुझे पहचान नहीं पर फिर भी प्यारी लगती है हिंदी जैसी लगती है इसमें सुंदर शब्दों को खिलते खेलते लफ्जों को एक न...
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