Monday 16 August 2021

 जवानी में कई ग़ज़लें अधूरी छूट जाती हैं 

कई ख़्वाहिश तो दिल ही दिल में, पूरी छूट जाती हैं

जुदाई में तो मैं उससे मुकम्मल बात करता हूँ मुलाकातों में सब बातें, अधूरी छूट जाती हैं

पुरानी दोस्ती को इस नयी ताक़त से मत तौलो
ये सम्बंधो की तुरपाई, संयंत्रो से मत खोलो

मेरे लहजे के छेनी से गढ़े जो देवता कल 
मेरे लफ़्ज़ों में मरते थे वो, अब कहते है मत बोलो

जो मैं या तुम समझ ले वो इशारा कर लिया मैंने 
भरोसा बस तुम्हारा था, तुम्हारा कर लिया मैंने

लहर है, हौसला है, रब है, हिम्मत है, दुआएं है
किनारा करने वालो से, किनारा कर लिया मैंने

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