Saturday 7 August 2021

तुम मिलो तो सही,


दिन संवर जाएंगे तुम मिलो तो सही
जख्म भर जायेगे तुम मिलो तो सही
रास्ते में खड़े हैं दो अधूरे स्थान
एक घर जाएंगे तुम मिलो तो सही

वक्त के क्रूर छल का भरोसा नहीं 
आज जी लो की कल का भरोसा नहीं 
दे रहे हैं वो अगले जन्म की खबर 
जिनको अगले ही पल का भरोसा नहीं 

दूर तू है मगर मैं तेरे पास हूं 
दिल है गर तू तो दिल का मैं एहसास हूं 
प्रार्थना या इबादत या पूजा कोई 
भावना है अगर तू मैं विश्वास हूं

इस अधूरी जवानी का क्या फायदा 
बिन कथानक कहानी का क्या फायदा 
जिसमे धुल कर नजर भी ना पावन बने 
आंख में ऐसे पानी का क्या फायदा

मेरे दिल में जले हर दिए की कसम 
आज तक जो किया उस किए की कसम 
मैं जहां आस ले रोज बैठा रहा 
लौट आओ उसी आसिये की कसम

ताल को ताल की झंकृति तो मिले
रूप को भाव की अनुकृति तो मिले
मैं भी सपनों में आने लगूं आपके
पर मुझे आपकी स्वीकृति तो मिले।।


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