Friday 23 July 2021

गुरू पूर्णिमा पर कविता

 


"गुरू पूर्णिमा स्पेशल"

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माँ होती है प्रथम गुरू

जो प्रेम का पाठ पढ़ाती है 

अंतहीन विनम्रता के साथ 

जीवन जीना सिखलाती है 

धरती, अम्बर, प्रकृति सिखाये 

हर दिन नवल प्रभात सिखाये 

ज्ञान पुंज के पट को खोले

देखो गुरुवर हमें बुलाये 

गुरू पूर्णिमा पर यह प्रज्ञा'

हर गुरुवर को शीश नवाए।

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