टिप-टिप करती हुई बूंदे मन को बहुत भा रही हैं
बूंदों की बौछार के साथ तेरा पैगाम ला रही हैं
बिजलियों की गड़गड़ाहट सता रही है हमको,
पर तेज हवा के झोंके तेरे आने के पैगाम ला रही हैं।
जिसने कुचला गाड़ी से वह गोदी में बैठा है सीतापुर की जेल में बंद एक कांग्रेसी नेता है ये वर्तमान सरकार मुझे अंग्रेजों की याद दिलाती है जो ...
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