Wednesday 21 July 2021

कहना तो बहुत कुछ है तुझसे!!


कहना तो बहुत कुछ है तुझसे 

लेकिन कह कहाँ पाती हूँ।


दिल की बेबसी यह है कि 

बिन कहे रह भी कहाँ पाती हूँ।


यूँ तो हमें अकेले रहने की 

बुरी आदत है साहब!

पर तेरे बिन अधूरी रह कहाँ पाती हूँ।


तू अगर आस- पास होता तो 

समझ जाता हाल-ऐ-दिल मेरा


यूँ तो बहुत बोलती हूँ मैं पर 

इजहारे इश्क कहाँ कर पाती हूँ।


कहना तो बहुत कुछ है तुझसे,

मगर कह कहाँ पाती हूँ ! !

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