Saturday 24 July 2021

सावन आया है।।

 "सावन में सावन पर प्रथम कविता"

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सावन आया है।।

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प्रीत की रीत निभाना तू कि 

सावन आया है 

मिले थे जिस दिन हम तुम वो

मौसम आया है।


बाहों में भर के तुझे प्यार जताना है, 

नैनों की बारिश से भीग जाना है 

कितनी बार ये खयाल !

हमको यार आया है।


आते-जाते तेरे नैन मुझसे

कुछ कहते हैं 

नींदों मेरे लब तेरे लब को

छूते हैं।

आजा साजन ! मिलते हैं और 

कर लें पूरे ख्वाब हम

यूँ ही ना रह जायें दूर-दूर 

आ जा सजन !

कैसे बताऊँ इन जुदाई के लम्हों को मैंने किस तरह रो बिताया है,

कल किसी और का होगा तू

सावन आया है 

आ मिल कर साथ गुजारे पल

सावन आया है।

बाहों में भर के तुझे प्यार जताना है, 

नैनों की बारिश से भीग जाना है 

कितनी बार ये खयाल !

हमको यार आया है।।


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