Sunday 19 September 2021

माँ मैं तेरी लाडली हूँ

 जीवन की अभिलाषा है 

तू ही हार तू ही आशा है 

मैं बढ़ जाती हूँ जानबूझ कर 

तेरी गोद में सर को रख कर 

मिलता कितना सन्तोष मुझे

व्यक्त नहीं कर सकती हूँ 

माँ मैं तेरी लाडली हूँ ।

जीवन जब भी हारूँगी 

तुझको ही मैं पुकारूंगी ।

आ जाना तू राह दिखाने 

मेरे जीवन में प्रकाश फैलाने।

माँ मैं तेरी लाडली हूँ ।

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