Tuesday 29 June 2021

मन

 बाँस की तरह सदा

तना रहता हूँ 

मुश्किलों के आगे भी 

नहीं झुकता हूँ 

पवन के झोंको के थपेड़े खाकर

अनर्गल वार्तालाप और 

प्रपंच में फंस कर 

कई बार रोया हूँ 

कई बार टूटा हूँ, 

अपना चैन खोकर

बड़ी जोर से रो कर

सुकून पाया हूँ 

किसी और का होकर।


•••अब जान गया हूँ और मान गया हूँ 

मैं हृदय हूँ तेरा पर किसी और के लिए धड़कता हूँ।।


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