Tuesday 29 June 2021

स्वाभिमान और झुकाव

 जीवन में स्वाभिमान और झुकाव 

दोनो जरुरी हैं 

स्वाभिमान कभी°°°

स्वयं का अपमान होते नहीं देख सकता और झुकाव कभी अपमान होने नहीं देता।


•••झुकी हुई झाड़ियां कभी नहीं टूटती 

बड़े बड़े दरख्ते अक्सर टूट जाते हैं ।


•••जीवन में आगे वही बढ़ते हैं 

जो किसी की जीत के लिए 

अक्सर हार जाते हैं।


▪▪▪जो दीपक तूफान आने पर भी अपनी ज्योति मद्धम नहीं करते•••

ऐसे दीप ही आखिरकार बुझ जाते हैं।।

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