Monday 21 June 2021

कहते हैं लोग

नींद गई रैन गई

सांसें बेचैन भईं 


रात गई बात गई 

आधी-सी साँस गई 


मीत गया गीत गया 

आंगन का फूल गया


मेरा सर्वस्व गया 

हाय रे! वर्चस्व गया 


नहीं गया आज भी 

ईर्ष्या और लोभ


मद में हम चूर रहे

कहते हैं लोग।।




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