Monday 21 June 2021

भावनाओं के भावसागर में

 सर्वस्व न्योछावर 

कर दिया तुझ पर

मोती, माणिक्य 

पन्ना, हीरा

हृदय की विक्षिप्त भावनाएं,

क्रूर सम दृष्टियों से 

दृष्टिपात करके

यौवन की प्रथम वर्षगांठ पर 

हृदय हीन किया तूने•••


हृदयगति हुई मद्धम 

स्वांस की ऊर्जावान 

गतियों में,

तप्त हुए जाते हैं 

वेग के व्याकरण 

भावनाओं के भवसागर में 

डूबे जाते हैं हम

पार हुए जाते हैं...


No comments:

Post a Comment

लखीमपुर कविता

 जिसने कुचला गाड़ी से वह गोदी में बैठा है  सीतापुर की जेल में बंद  एक कांग्रेसी नेता है  ये वर्तमान सरकार मुझे अंग्रेजों की याद दिलाती है जो ...