Monday 28 June 2021

सैनिक की मोहब्बत

 लिफाफे में बंद करके कुछ शिकायतें

भेजती हूँ उनको तुम्हारे पास

अभिलाषा है 

तुम तक पहुंचेंगी मेरी चिट्ठियां और 

मेरे मन की बात

सुनवाई होगी या मुह फेर लोगे!

या फिर आ लौटोगे मेरे पास 

देशभक्त तो बहुत बड़े हो

क्या हमसे भी है थोड़ा-सा प्यार

अगर मोहब्बत है तो आ जाओ 

माँग लो मेरा हाथ,

प्रियतम बन जाओ फिर करो देश की सेवा 

खाकी वर्दी के साथ ही कर दो पीले मेरे हाथ।।


No comments:

Post a Comment

लखीमपुर कविता

 जिसने कुचला गाड़ी से वह गोदी में बैठा है  सीतापुर की जेल में बंद  एक कांग्रेसी नेता है  ये वर्तमान सरकार मुझे अंग्रेजों की याद दिलाती है जो ...