Sunday 30 May 2021

 वैसे अगर मैं तुम्हें

कुछ कहूँ तो तुम

बुरा तो नहीं मानोगे ?

मेरी सलाह को

मेरी चेतावनी तो नहीं मानोगे!

तो मैं कह देती हूँ

साहित्य है सबके लिए

इसे सबका रहने दो

होड़ मत मानो इसे

एक मंच रहने दो

सबको है तुम्हारे

सहयोग की जरूरत

बस अब आज ये बात रहने दो।।

No comments:

Post a Comment

लखीमपुर कविता

 जिसने कुचला गाड़ी से वह गोदी में बैठा है  सीतापुर की जेल में बंद  एक कांग्रेसी नेता है  ये वर्तमान सरकार मुझे अंग्रेजों की याद दिलाती है जो ...