उठ जा,
अब ना सता
देख तेरी माँ तेरे लिये क्या लाई है
अब से जो तू कहेगी
वो सब मैं तुझे लाकर दूँगी
उठ जा अब मसखरी ना कर
वर्ना मैं रो दूंगी,
माँ के बुलाने पर तो
भगवान भी चले आते हैं
देख पापा भी बाहर तुझे
बुलाते हैं
क्यूँ इतनी निर्मोही बन कर तू पड़ी है
आज कैसी तुझको
नीद आ रही है!
तू तो मेरी एक आवाज पर उठ जाती थी
आज तो सब तेरे आस पास खड़े हैं
उठ जा लाडो
तू जमीं पर क्यों पड़ी है
देख तेरी सहेली भी
तुझे पुकार रही है।।
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