एक कवि हो कर
एक कवि का दर्द कहां समझते हो, प्यार करते हो मुझसे पर
मुझको कहां समझते हो ?
नींद में लेते हो तुम किसी और का नाम....!
बेवफा तो नहीं पर
वफादार भी नहीं लगते हो।
जिसने कुचला गाड़ी से वह गोदी में बैठा है सीतापुर की जेल में बंद एक कांग्रेसी नेता है ये वर्तमान सरकार मुझे अंग्रेजों की याद दिलाती है जो ...
No comments:
Post a Comment