Thursday 9 September 2021

खुले हैं द्वार चले आओ तुम

 खुले हैं द्वार चले आओ तुम 

अब हमको न यूं सताओ तुम। 

जिंदगी तो पहले ही बेवफा थी 

अब किस्मत को बेवफा ना बनाओ तुम।

दीप टिम टिम से जगमगाते हैं 

भंवरे भी प्रेम गीत गाते हैं।

यौवन में उच्छवास होता है

जब कोई मीत पास होता है।

इच्छा की छोटी-सी कुमुदिनी में

सच होने का स्वप्न होता है। 

डूबी नाव को खेवाओ तुम,

खुले हैं द्वार चले आओ तुम

अब हमको न यूँ सताओ तुम।।


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