Tuesday 7 September 2021

बड़ा पछताओगे

 कितना रोए, कितना तड़पे, 

मचाए कितना शोर ! 

तू किसी और का हो चुका है 

यह समझाएं कैसे दिल को ?

तड़प है, नशा है, 

जुनून है तेरे इश्क का 

बिखरे जा रहे हैं हम 

तुझसे मोहब्बत करने के बाद

मिला कुछ भी नहीं इक दर्द के सिवा

बहुत पछता रहे हैं तुझसे,

इश्क करने के बाद।।


कवयित्री:- प्रज्ञा शुक्ला 

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