मैं फिर से नींद के आगोश में जाना चाहती हूँ
तेरे नैनो के गंगाजल से गंगा स्नान करना चाहती हूँ
मैं हूँ पतित, पापों की गगरी हूँ
अपने गुनाहों को पश्चाताप की चादर में छुपाना चाहती हूँ।।
जिसने कुचला गाड़ी से वह गोदी में बैठा है सीतापुर की जेल में बंद एक कांग्रेसी नेता है ये वर्तमान सरकार मुझे अंग्रेजों की याद दिलाती है जो ...
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