मां के आंचल में सिर रखकर
सारा दुख बाहर आ जाता है
मां की प्यारी बातों से
मन मेरा हर्षित हो जाता है
मां की ममता पीपल की छांव के जैसी
सारी दुनिया है माँ में बसती
माँ है अमृत कलश समान
माँ से ही आती शिशु में जान।।
जिसने कुचला गाड़ी से वह गोदी में बैठा है सीतापुर की जेल में बंद एक कांग्रेसी नेता है ये वर्तमान सरकार मुझे अंग्रेजों की याद दिलाती है जो ...
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