Monday 3 May 2021

कुमार विश्वास की गजलें


 कुमार विश्वास की कवितायें/Kumar Vishwas poetry  



                      कहीं पर जग लिए तुम बिन 

कहीं पर सो लिए तुम बिन 

मैं अपने गीत गजलों से उसे पैगाम करता हूं, 
उसी की दी हुई दौलत, उसी के नाम करता हूं 
    हवा का काम है चलना, दिए का काम है जलना
  वो अपना काम करती है, मैं अपना काम करता हूं

  किसी के दिल की मायूसी जहाँ से हो के गुजरी हैं
हमारी सारी चालाकी वही पर खो के गुजरी हैं
तुम्हारी और मेरी रात में बस फर्क इतना हैं
तुम्हारी सो के गुजरी है हमारी रो के गुजरी है

डॉ कुमार विश्वास
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